चुनाव के दौरान आचार संहिता की धज्जियां सभी राजनीतिक दलों ने खूब उड़ाई. नैनीताल जिले में मतदान के दिन तक 2666 मामले सामने आए हैं। शिकायतों के मामले में हल्द्वानी विधानसभा क्षेत्र सबसे आगे रहा
उत्तराखंड में 14 फरवरी को मतदान हो गया और मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हुआ. जिससे सभी ने राहत की सांस ली। राजनीतिक दल और उनके कार्यकर्ता सभी अब हार जीत के गुणा भाग में लगे हुए हैं। सभी को अब 10 मार्च का इंतजार है। प्रदेश में आचार संहिता 8 जनवरी को लागू हुई थी। लेकिन चुनाव के दौरान आचार संहिता की धज्जियां सभी राजनीतिक दलों ने खूब उड़ाई। नैनीताल जिले में मतदान के दिन तक 2666 मामले सामने आए हैं। शिकायतों के मामले में हल्द्वानी विधानसभा क्षेत्र सबसे आगे रहा है।
नैनीताल जिला निर्वाचन कार्यालय का कंट्रोल रूम 10 जनवरी को शुरू हुआ था। निर्वाचन आयोग ने विजिल एप पर ऑनलाइन शिकायत की सुविधा भी दी थी। नैनीताल जिले की 6 विधानसभा सीटों में सबसे ज्यादा शिकायतें हल्द्वानी से सामने आई है। जबकि लाल कुआं से 651, भीमताल से 97, नैनीताल से 182, कालाढूंगी से 34 और रामनगर से सबसे कम 23 शिकायतें सामने आई है।
29 जनवरी तक जिले में 1295 शिकायत मिली थी। 31 जनवरी को नाम वापसी के बाद प्रचार ने जोर पकड़ा तो आचार संहिता उल्लंघन के मामले भी बढ़ गए। हल्द्वानी में 29 जनवरी तक 423 शिकायतें मिली थी। जबकि 14 फरवरी तक यह आंकड़ा 1679 पहुंच गया। जिले की कुल शिकायतों में 63 फ़ीसदी हल्द्वानी धान सभा सीट की थी।
आपको बता दें आचार संहिता के दौरान मिलने वाली शिकायतों में अक्सर अवैध होर्डिंग लगाना, बिना अनुमति के प्रचार वाहन घुमाना, भीड़ को जुटाना और मतदाताओं को लुभाना जैसी रही है।