नैनीताल हाईकोर्ट ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान हुए कथित अपहरण कांड, मतपत्र में ओवरराइटिंग, पुनर्मतदान और निष्पक्ष चुनाव कराने के मामलों में शुक्रवार को सुनवाई की।
नैनीताल हाईकोर्ट (Nainital High Court) ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान हुए कथित अपहरण कांड, मतपत्र में ओवरराइटिंग, पुनर्मतदान और निष्पक्ष चुनाव कराने के मामलों में शुक्रवार को सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंदर (Chief Justice G. Narinder) और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने मामले में एसएसपी नैनीताल (SSP Nainital) को अगली सुनवाई तक जांच की प्रगति रिपोर्ट के साथ कोर्ट में पेश होने को कहा है। कोर्ट ने पांचों जिला पंचायत सदस्यों को भी कोर्ट में तलब किया है।
14 अगस्त 2025 को जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर चुनाव के दौरान वोट डालने आए पांच जिला पंचायत सदस्यों (District Panchayat members) को अगवा कर लिया गया। इसके नाराज कांग्रेस के कई नेता और कार्यकर्ता हाईकोर्ट पहुंच गए थे। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले का स्वतः संज्ञान लिया था। कई जिला पंचायत सदस्यों ने भी हाईकोर्ट की शरण ली थी। कोर्ट के निर्देश पर इन सदस्यों को पुलिस की सुरक्षा में मतदान कराने ले जाया गया। कोर्ट ने तत्कालीन एसएसपी से पांचों अपहृत सदस्यों को खोजकर उनकी वोटिंग कराने को कहा था, लेकिन उन्हें खोजा नहीं जा सका। जिसके बाद सदस्य पूनम बिष्ट ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर कहा कि नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में एक मतपत्र में ओवर राइटिंग कर क्रमांक 1 को 2 कर अमान्य घोषित कर दिया गया।