कुमाऊं मंडल में बढ़ते भूमि घोटालों और धोखाधड़ी के मामलों को देखते हुए प्रशासन ने अब सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है।
कुमाऊं मंडल (Kumaon division) में बढ़ते भूमि घोटालों और धोखाधड़ी के मामलों को देखते हुए प्रशासन ने अब सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। बीते महीने कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत (Kumaon Commissioner Deepak Rawat) की अध्यक्षता में आयोजित लैण्ड फ्रॉड समन्वय समिति की बैठक में भूमि से जुड़े कई गंभीर मामलों की समीक्षा की गई। इसमें ये सामने आया कि बड़ी संख्या में ऐसे मामले हो रहे हैं, जहां एक ही भूमि को बार-बार बेचा जा रहा है या जिस खसरा नम्बर की जमीन का बैनामा किया जा रहा है, उस पर कब्जा न देकर खरीदार को दूसरी भूमि पर कब्जा दे दिया जा रहा है।
इसके आलावा ऐसे मामले भी बढ़ रहे हैं, जिनमें विक्रेता अपनी वास्तविक हिस्सेदारी से अधिक भूमि का विक्रय कर रहा है, जबकि उसके खाते में उतनी भूमि ही नहीं बची है | इन सभी अनियमितताओं और धोखाधड़ी (Fraud) के कारण न केवल भूमि विवाद बढ़ रहे हैं बल्कि आम लोग आर्थिक और मानसिक रूप से ठगे जा रहे हैं | समिति ने इन गड़बड़ियों पर रोक लगाने के लिए एक अहम निर्णय लिया है।अब कोई भी व्यक्ति भूमि खरीदने से पहले संबंधित तहसील कार्यालय में एक आवेदन देगा,जिसमें वो ये अनुरोध करेगा कि वो जिस भूमि को खरीदना चाहता है, उसकी वेरिफिकेशन कराई जाए। इस प्रक्रिया के अंतर्गत ये स्पष्ट किया जाएगा कि भूमि की वर्तमान कानूनी स्थिति क्या है,खसरा नम्बर और खातेदारी की वास्तविक स्थिति क्या है, भूमि पर कोई पूर्व विक्रय,ऋण, विवाद या कब्जा तो नहीं है और इस वेरिफिकेशन के बाद ही भूमि खरीदने की प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी, जिससे फर्जीवाड़े और दोहरी बिक्री जैसे मामलों पर अंकुश लगेगा |