फिल्मी स्टाइल में अस्पताल पहुंचे मंत्री धन सिंह, बीमार STH मंत्री जी को नज़र आया स्वस्थ

गंदगी से मरीजों पर संक्रमण फैलने का खतरा है. तकनीकी कमियों के चलते डॉक्टर ऑपरेशनतक तक टाल रहे हैं. केवल इमरजेंसी ऑपरेशन हो रहे हैं. इसके बावजूद मंत्री को अस्पताल स्वस्थ दिखा।

फिल्मी स्टाइल में अस्पताल पहुंचे मंत्री धन सिंह, बीमार STH मंत्री जी को नज़र आया स्वस्थ
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हल्द्वानी. हिंदी सिनेमा की कई फिल्मों में हमने ये सीन कई बार देखा है. जब कोई बड़ा मंत्री एक आम आदमी बनकर लोगों के बीच सरकारी व्यवस्था का आंकलन करने पहुंच जाता है. और अफसरों की लापरवाही देख सख्त कदम उठाता है। कुछ ऐसा ही मामला हल्द्वानी के सुशीला तिवारी और बेस अस्पताल में भी देखने को मिला, जब 23 अक्टूबर को चिकित्सा, शिक्षा, स्वास्थ्य व आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ धन सिंह रावत आम रोगी रोगी बनकर अस्पताल पहुंचे।

मंत्री हरक सिंह रावत शनिवार की रात हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने पर्ची कटा कर इमरजेंसी में खुद को दिखाया. जिसके बाद वो अस्पताल में मरीजों के लिए रखी बेंच पर बैठ गए और मरीजों से अस्पताल की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी लेने लगे. इस दौरान उन्होंने करीब 40 मिनट सुशीला तिवारी की व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

इसके बाद मंत्री धन सिंह रावत बेस अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने 20 मिनट बिताए और बेस अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया, हालाँकि इस दौरान अस्पताल प्रशासन उनको पहचान नहीं पाया। अखबार में छपी खबर के अनुसार मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि अस्पताल में पर्याप्त दवा और सुविधा सभी को मिले, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं. और जल्द ही अस्पतालों के लिए नई घोषणाएं करेंगे।

स्वास्थ्य मंत्री कुमाऊँ के सबसे बड़े अस्पताल में पहचान छुपाकर दाखिल तो हुए, मगर फिल्मों की तरह यहाँ उन्होंने कड़े आदेश देना तो दूर अस्पताल की अव्यवस्था को भी नज़रअंदाज़ कर दिया।  

जबकि उपनल कर्मचारियों की हड़ताल के चलते सुशीला अस्पताल की व्यवस्था पर काफी असर पड़ा है. तीमारदार ही स्ट्रक्चर और व्हील चेयर पर मरीज ले जाने को मजबूर हैं, 40 से अधिक मरीजों पर केवल एक स्टाफ नर्स तैनात है, रेडियोलॉजिस्ट विभाग में केवल एक केवल एक डॉक्टर तैनात हैं, क्लर्क ना होने से कार्यालय संबंधी कार्य पूरी तरह प्रभावित है. वार्डबॉय ना होने से समय पर खून की जांच लैब तक नहीं पहुंच पा रही है. 

गंदगी से मरीजों पर संक्रमण फैलने का खतरा है. तकनीकी कमियों के चलते डॉक्टर ऑपरेशनतक तक टाल रहे हैं. केवल इमरजेंसी ऑपरेशन हो रहे हैं. इसके बावजूद मंत्री को अस्पताल स्वस्थ दिखा। गुपचुप निरीक्षण को लेकर मंत्री जी का केवल इतना कहना था की जो भी दिक्कतें हैं उन्हें सुधारा जाएगा।

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