नैनीताल की मल्लीताल कोतवाली के कोतवाल एक बड़ी समस्या में फंसते नजर आ रहे हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने बीते दिनों हुई दुष्कर्म की घटना के मामले में नाबालिग पीड़िता की पहचान उजागर कर दी है।
नैनीताल की मल्लीताल कोतवाली (Mallital Police Station) के कोतवाल एक बड़ी समस्या में फंसते नजर आ रहे हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने बीते दिनों 12 वर्षीय बालिका के साथ हुई दुष्कर्म की घटना के मामले में नाबालिग पीड़िता की पहचान उजागर कर दी है। इस संबंध में उनके खिलाफ जिला बार संघ के सचिव ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी के साथ मंडलायुक्त को पत्र भेजकर उनके खिलाफ अभियोग दर्ज करने की मांग की है।
बता दें बार के सचिव दीपक रुवाली (Bar Secretary Deepak Ruwali) की ओर से भेजे गये पत्र में आरोप लगाया गया है कि कोतवाल ने इस घटना के बाद हुई मारपीट आदि की घटना में अपनी ओर से अभियोग दर्ज कराते हुए नाबालिग पीड़िता की मां की पहचान उजागर कर लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम यानि पोक्सो अधिनियम का उल्लंघन किया है। पत्र में कहा गया है कि कोतवाल ने जान बूछकर स्वयं कानून की व्यापक जानकारी रखते हुए भी नाबालिग पीड़िता की मां को समाज में नीचा दिखाने व उसकी पहचान को उजागर करने के उद्देश्य से प्राथमिकी में उसका वास्तविक नाम उजागर किया है। जबकि कानून के तहत पीड़िता और उसके परिजनों की पहचान को गोपनीय रखना अनिवार्य है, और मां का नाम सार्वजनिक करने से पीड़िता की पहचान खुद स्पष्ट हो जाती है, जो पोक्सो अधिनियम (POSCO Act) के अंतर्गत एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है इसलिए उन्होंने कोतवाल के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है।