प्राकृति ने सूखाताल को दिया उसका असली सौंदर्य, 28 साल बाद पानी से लबालब भरी झील

साल 1993 के बाद पहली बार सूखाताल लबालब नजर आ रहा है. पिछले दिनों हुई भारी बारिश से सूखाताल में लबालब पानी भर गया है. सूखाताल का ये प्राकृतिक रूप बेहद सौंदर्य लग रहा है.

प्राकृति ने सूखाताल को दिया उसका असली सौंदर्य, 28 साल बाद पानी से लबालब भरी झील
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नैनीताल. काफी समय से नैनीताल में मैदान बन चुकी सूखाताल नदी को पुनर्जीवित करने की कवायद की जा रही है. जिसके लिए निगम और प्रशासन काम करने लगा है. पिछले दिनों हुई भारी बारिश से सूखाताल में लबालब पानी भर गया है. सूखाताल का ये प्राकृतिक रूप बेहद सौंदर्य लग रहा है. कुमाऊं मंडल विकास निगम ने इसे इसी रूप में विकसित करने के उद्देश्य से ड्रोन से इसका वीडियो बनवाया है. साल 1993 के बाद पहली बार सूखाताल लबालब नजर आ रहा है.

सूखाताल नदी को पुनर्जीवित करने के लिए मॉडल प्रस्तावित है. हालांकि झील के पानी से भरने के बाद प्रस्तावित किए गए मॉडल के बजाय अब इसे करीब इसी तरह से विकसित करने की तैयारी है, जिससे इसके ज़्यादातर हिस्से में पानी रहेगा। अब इसके बीच में बनने वाले एक्टिविटी पार्क को न बनाने और उसकी जगह भी झील ही रखे जाने का निर्णय लिया गया है। इससे ऊपरी छोर पर बनने वाले पौंड के बजाय झील का क्षेत्र बढ़ जाएगा।

अमर उजाला की खबर के अनुसार इसका डिजाइन आईआईटी रुड़की से बन कर आ गया है। अब इस जगह पर सिर्फ दो झीलें और इनके चारों ओर मिट्टी व पेबल से बना कच्चा परिपथ बनेगा, जिससे यहां आने वाला सारा जल भूमि में अवशोषित हो सके। झील की सतह में सीमेंट या टाइल का प्रयोग नहीं किया जाएगा बल्कि बायो डिग्रेडेबल मिट्टी इस्तेमाल की जाएगी, ताकि पानी लंबे समय तक इसमें टिका रहे और धीरे धीरे भूमि में अवशोषित होकर नैनीझील को रिचार्ज भी करता रहे।

करीब 26 करोड़ रुपये की लागत से सूखाताल का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है. जिसके तहत यहां 9145 वर्ग मीटर में प्राकृतिक झील का निर्माण, झील के चारों ओर पैदल पथ निर्माण, रिचार्ज वैल, वुडन स्ट्रक्चर में क्योस्क, ग्रेवियार्ड संरक्षण, ओपन एयर थियेटर, चिल्ड्रन पार्क, सूचना केंद्र, एवं लैंड स्केप कार्य किया जाना था।

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