शुक्रवार को रामनगर स्थित पीडब्ल्यूडी कार्यालय में टेंडर डालने को लेकर हुई अराजकता और खुली गुंडागर्दी के बाद विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े हुए |
शुक्रवार को रामनगर स्थित पीडब्ल्यूडी (PWD) कार्यालय में टेंडर डालने को लेकर हुई अराजकता और खुली गुंडागर्दी के बाद विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े हुए | ठेकेदारों और कर्मचारियों के साथ हुई मारपीट की घटना की जानकारी मिलने पर कोतवाल सुशील कुमार ( Inspector Sushil Kumar) पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और करीब 9 लोगों को हिरासत में लेते हुए मामले की जांच शुरू कर दी |
जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को PWD कार्यालय में सड़क निर्माण कार्य को लेकर टेंडर डालने की प्रक्रिया की जानी थी | बताया जा रहा है कि इस प्रकरण में टेंडर डालने पहुंचे ठेकेदारों को टेंडर डालने से रोकने के साथ ही कुछ ठेकेदारों के साथ धक्का-मुक्की और मारपीट की गई | इतना ही नहीं विभागीय कर्मचारियों के साथ भी मारपीट का मामला सामने आया है | कार्यालय में सीसीटीवी (CCTV) कैमरे ना लगे होने से जहाँ एक ओर विभाग की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हुए तो वही अधिकारियों की उदासीनता भी इस मामले में सामने आई है | हंगामे के बाद विभाग के अधिशासी अभियंता संजय चौहान (Executive Engineer Sanjay Chauhan) अन्य अधिकारी और कर्मचारियों के साथ कोतवाली पहुंचे और घटना की जानकारी दी | वहीं कोतवाल सुशील कुमार ने इस मामले में पीड़ित ठेकेदार और विभाग के अधिकारियों से तहरीर देने की बात करते हुए कार्रवाई का भरोसा जताया | साथ ही उन्होंने बताया कि कार्यालय में सीसीटीवी कैमरा ना होने को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों से जवाब मांगा जाएगा |