मेडिकल कालेज में कई विभागों में डॉक्टरों की कमी बनी हुई है। रेडियोलोजी जैसे महत्वपूर्ण विभागों में सिर्फ एक लेक्चरार बची है.
हल्द्वानी. कुमाऊं का प्रवेश द्वार हल्द्वानी स्वास्थ्य सेवाओं का भी द्वार है. सुशीला तिवारी अस्पताल कुमाऊं भर की स्वास्थ्य सेवाओं का भी भार उठाता है. ऐसे में यहां डॉक्टर्स की किल्लत परेशानियों को जन्म दे सकती है. मेडिकल कालेज में कई विभागों में डॉक्टरों की कमी बनी हुई है। रेडियोलोजी जैसे महत्वपूर्ण विभागों में सिर्फ एक लेक्चरार बची है.
साल 2020 से 2021 में कई डॉक्टरों का तबादला अल्मोड़ा मेडिकल कालेज में कर दिया गया था। जिन विभागों में सबसे ज्यादा रोगियों का दबाव होता है, उसी विभाग के डॉक्टर्स का तबादला हुआ था। जिसमे सर्जरी, मेडिसिन, समेत अन्य विभागो के डॉक्टर्स शामिल थे।
वहीं बात करे अध्यापको की बात करें तो प्रसूति रोग विभाग में तीन फैकल्टी रह गई हैं. जहां ईएनटी, बाल रोग विभाग में कोई प्रोफेसर तैनात ही नहीं है। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार विभिन्न विभागों में पंद्रह से चालीस प्रतिशत तक फैकल्टी की कमी हुई है। ऐसे में एमबीबीएस की 150 सीटें करने की योजना है. वहीं मौजूदा सौ सीटें की मान्यता को लेकर पेंच लग सकता है।
मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी का कहना है कि जो विभागों में फैकल्टी की कमी बनी हुई है. उसको आचार संहिता हटने के बाद नए सिरे से डॉक्टरों की भर्ती का प्रयास करेंगे।