उत्तराखंड में बिजली के दामों में बढ़ोतरी(increase) के साथ ही कुछ नियम भी बदल गए है।
Now their electricity bill will come in 15 days instead of every month:- उत्तराखंड में बिजली के दामों में बढ़ोतरी(increase) के साथ ही कुछ नियम भी बदल गए है। बताया जा रहा है कि नियामक आयोग ने नई दरें जारी करते हुए तीन एमवीए और उससे अधिक अनुबंध मांग वाले उद्योगों के लिए बिलिंग अवधि (billing period) घटा दी है। जिसके बाद अब उद्योगों को हर 15 दिन में बिजली का बिल भरना होगा। इतना ही नहीं अब केवल उन उपभोक्ताओं को ही 24 घंटे, सातों दिन लगातार बिजली आपूर्ति का विकल्प दिया जाएगा, जिनके उद्योग इसी हिसाब से चलते होंगे।
रिपोर्ट के अनुसार उद्योगों के लिए टैरिफ संरचना को सरल बनाने के लिए नियामक आयोग ने एलटी उद्योगों (LT Industries) की दो उप श्रेणियों को हटाकर उनकी एकल श्रेणी 75 किलोवाट बनाई है। आयोग ने ये भी स्पष्ट कर दिया कि तीन एमवीए या इससे अधिक क्षमता वाले उद्योगों को 30 के बजाए 15 दिन में बिजली बिल जमा कराना होगा। इससे इन उद्योगों खासकर फर्नेश उद्योगों पर बिजली बिल बकाया में देरी, जुर्माने से राहत मिलेगी। वहीं, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से बिजली लेने वाले उद्योगों के लिए हरित टैरिफ 28 पैसे प्रति किलोवाट आवर स्वीकृत किया गया है।
बताया जा रहा है कि आयोग ने पीक आवर में टैरिफ को सामान्य घंटे के टैरिफ के 130 प्रतिशत के बराबर रखा है, तो ऑफ पीक आवर में छूट को 20 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया है। यूपीसीएल की ओर से महीने में प्रतिदिन 18 घंटे औसत बिजली आपूर्ति न देने पर एचटी उपभोक्ताओं को डिमांड में 20 फीसदी की छूट मिलेगी। वहीं एलटी उद्योगों में 25 किलोवाट तक फिक्स चार्ज 170 रुपये प्रति किलोवाट से बढ़कर 185 रुपये प्रति किलोवाट होगा।