Latest Uttarakhand News: उत्तराखंड के पहाड़ों में आज भी बदहाल है स्वास्थ्य सेवाए, यहाँ बच्ची का हाथ फ्रैक्चर होने पर प्लास्टर के बदले चढ़ाया गत्ता

Uttarakhand News: pauri garhwal के रिखणीखाल स्वास्थ्य केंद्र(rikhnikhal health center) में डॉक्टर ने एक बच्ची के हाथ में फ्रैक्चर होने पर पीओपी की जगह गत्ते का प्लास्टर उसके हाथ में चढा़ दिया।

Latest Uttarakhand News: उत्तराखंड के पहाड़ों में आज भी बदहाल है स्वास्थ्य सेवाए, यहाँ बच्ची का हाथ फ्रैक्चर होने पर प्लास्टर के बदले चढ़ाया गत्ता
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Uttarakhand News: पौड़ी गढ़वाल(pauri garhwal) के रिखणीखाल स्वास्थ्य केंद्र(rikhnikhal health center) में डॉक्टर ने एक बच्ची के हाथ में फ्रैक्चर(fracture) होने पर पीओपी की जगह गत्ते का प्लास्टर उसके हाथ में चढा़ दिया। जिसकी तस्वीर वायरल होने के बाद सरकार(uttarakhand government) और पहाड़ों के अस्पताल और स्वास्थ्य सुविधाओं की जमकर किरकिरी हो रही है। अस्पताल के कर्मचारियों का कहना है कि यहां एक्स-रे मशीन(x-ray machine) तो है लेकिन उसको चलाने के लिए ऑपरेटर नहीं है। किशोरी के हाथ में बंधा गत्ता देख बहुत से लोग अस्पताल और डॉक्टर की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहे हैं लेकिन किसी ने इसके पीछे की असली वजह जानने की कोशिश नहीं की।

दरअसल पोखार(pokhara) निवासी इस किशोरी के हाथ की हड्डी टूट गई थी लेकिन नजदीकी चिकित्सालय में एक्स-रे टैक्नीशियन न होने के कारण किशोरी के हाथ पर गत्ता बांध उसे कोटद्वार(kotdwar) रेफर करना चिकित्सक की मजबूरी बन गई। रिखणीखाल का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्टाफ की भारी कमी से जूझ रहा है। कुछ महीने पहले शासन ने यहाँ एक्स-रे मशीन तो रखवा दी, लेकिन आज तक इस मशीन के संचालन के लिए विशेषज्ञ की तैनाती नहीं की गई है। नतीजा, एक्स-रे मशीन होने के बावजूद ग्रामीणों को एक्स-रे करवाने के लिए करीब सौ किमी. दूर कोटद्वार के बेस चिकित्सालय में आना पड़ता है। इसी वजह से किशोरी के हाथ में बंधे गत्ते को देख जब चिकित्सालय प्रशासन से इसका कारण पूछा गया तो चिकित्सक डा.तान्या ने पूरी स्थिति स्पष्ट कर दी। डा.तान्या ने बताया कि किशोरी के हाथ का एक्स-रे होने के बाद ही प्लास्टर किया जाना था, लेकिन एक्स-रे टैक्निशियन न होने के कारण एक्स-रे नहीं हो पाया। किशोरी के हाथ में पट्टी बांध उसे कोटद्वार के लिए रेफर कर दिया। सफर के दौरान हाथ हिलने से टूटी हड्डी हाथ को अधिक नुकसान पहुंचा सकती थी, इस कारण पट्टी के बाहर से गत्ता बांध हाथ को सपोर्ट दिया गया।

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