उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर आए दिन सवाल उठते रहते है लेकिन इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग पर इसका कोई खासा असर नहीं पड़ा है
Pithoragarh News: उत्तराखंड(Uttarakhand) में स्वास्थ्य विभाग(health Department) की लापरवाही पर आए दिन सवाल उठते रहते है लेकिन इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग पर इसका कोई खासा असर नहीं पड़ा है | पिथौरागढ़(Pithoragarh) से स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की एक और खबर सामने आ रही है ।
जहां एक महिला को प्रसव पीड़ा के चलते एंबुलेंस में ही बच्चे को जन्म देना पड़ा| | प्रसव होने के बाद माँ और बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र(Community Health Center) ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने दोनों को स्वस्थ बताया है|
जानकारी के मुताबिक पिथौरागढ़ के सल्ला चिंगरी(salla chingri) इलाके में गुरुवार देर रात अशोक सिंह(ashok singh) की पत्नी विद्या देवी(vidhya devi) को प्रसव पीड़ा होने लगी ,जिसके बाद परिजनों ने आपातकालीन सेवा(emergency service) को कॉल किया और इस घटना की जानकारी दी |
जिसके बाद 108 ने मौके पर पहुँच कर महिला को जिला मुख्यालय की तरफ ले जाने लगी मगर गुरना मंदिर(Gurna Mandir) के पास गर्भवती की प्रसव पीड़ा ज्यादा बढ़ने के कारण फार्मासिस्ट नीरज कुमार(Pharmacist Neeraj Kumar) और चालक नरेंद्र सिंह(Driver Narendra Singh) को गर्भवती का प्रसव(childbirth) एम्बुलेंस में ही कराना पड़ा|
गौरतलब है कि उत्तराखंड में एंबुलेंस सेवा में बच्चे का जन्म देना का यह कोई पहला मामला नहीं है बल्कि इससे पहले भी इस तरह के दर्जनों मामले मामले सामने आए है । जहां 108 सेवा में कई गर्भवती महिलाओं ने बच्चे को जन्म दिया है।
वहीं इस मामले से पहाड़ की स्वास्थ व्यवस्था पर फिर सवाल खड़े हो गए है । स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर पास के अस्पतालों में महिलाओं को प्रसव कराने की उचित व्यवस्था मिलती तो महिलाओं को दूर नहीं जाना पड़ता। वहीं प्रसव में देरी होने के कारण कई बार महिलाओं की जान पर भी बन आती है जिसपर पहाड़ के लोगों में काफी गुस्सा है|