मुनस्यारी के मदकोट से जौलढुंगा तक सड़क के हाल बदहाल हो गए हैं। बारिश के दौरान सड़क पर पैदल चलना तक मुश्किल हो जाता है। साल 2015 से मोटर मार्ग पर डामरीकरण नहीं किया गया है।
मुनस्यारी के मदकोट से जौलढुंगा तक सड़क के हाल बदहाल हो गए हैं। बारिश के दौरान सड़क पर पैदल चलना तक मुश्किल हो जाता है। साल 2015 से मोटर मार्ग पर डामरीकरण नहीं किया गया है। ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग से सड़क की दशा सुधारने की मांग की है।
हर साल बरसात के सीजन में सड़क कीचड़ से पटी रहती है। सड़क पर डामरीकरण नहीं होने से ग्रामसभा बोथी, बसंतकोट, फापा, उच्छैती, ढीलम की पांच हजार की आबादी को जान हथेली पर रखकर आवाजाही करनी पड़ती है। साथ ही सड़क पर कीचड़ की वजह से जगह-जगह वाहन फंस जाते हैं। लोनिवि के अधिशासी अभियंता जीसी थपलियाल ने बताया कि सड़क के डामरीकरण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीकृति मिलने के बाद काम किया जाएगा।
2015 में सड़क का निर्माण हुआ था। पर तब से सड़क पर डामरीकरण नहीं हो सका है। कई बार विभाग को डामरीकरण के लिए कहा गया। मगर सुनवाई नहीं हुई। बारिश में सड़क पर पैदल चलना तक मुश्किल होता है।
चार ग्रामसभाओं की पांच हजार की आबादी इस सड़क का इस्तेमाल करती है। मगर बरसात के मौसम में सड़क आए दिन बंद होती रहती है। ऐसे में मरीजों को अस्पताल पहुंचाने से लेकर राशन घर तक लाना भी मुश्किल हो जाता है।