मुनस्यारी के कुलथम गांव के प्रभावित परिवार को प्राथमिक स्कूल में बने राहत केंद्र को मतदान के चलते छोड़ना पड़ेगा।
विधानसभा चुनाव 2022 के लिए मतदान के बाद भले ही राज्य के लोगों को नई सरकार मिलेगी, लेकिन आपदा में अपना आशियाना गंवा चुके मुनस्यारी के कुलथम गांव के प्रभावित परिवार को प्राथमिक स्कूल में बने राहत केंद्र को मतदान के चलते छोड़ना पड़ेगा। प्रभावित परिवार पिछले तीन साल से यहां रह रहा था।
लेकिन अब यहां मतदान केंद्र होने के चलते परिवार को राहत केंद्र खाली कर ठिकाना बदलने को मजबूर होना पड़ा है। वर्ष 2018 की आपदा में मुनस्यारी के कुलथम गांव निवासी कुंदन सिंह ने अपना आशियाना हमेशा के लिए गंवा दिया था। तब से वह बूढ़े माता-पिता और पत्नी के साथ प्राथमिक स्कूल में किसी तरह दिन गुजार रहे थे। आपदा में अपने सपनों का घर खो चुके कुंदन सिंह को राहत राशि के नाम पर 2 लाख देकर सरकारी मशीनरी से अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। इन पैसों में उसे जमीन खरीदकर घर बनाना था। कुंदन सिंह ने कहा है इस महंगाई के दौर में जमीन खरीदकर नया घर बनाना लगभग असंभव है।
कुलथम का प्राथमिक स्कूल छात्र संख्या शून्य होने से पिछले छह से बंद है। बंद स्कूल का ताला खोलकर आपदा प्रभावित परिवार ने इसकी देखरेख करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। अधिकारियो ने बताया की प्राथमिक स्कूल कुलथम को मतदान केंद्र बनाने से इसे खाली करवाया गया है। मतदान के बाद आपदा प्रभावित परिवार इसमें रह सकता है। निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार कार्य किया गया है।