मुनस्यारी के सीएचसी मे धूल फांक रही है अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे मशीन । तीन चिकित्सक चला रहे अस्पताल
सरकारी अस्पतालों के लिए उपकरणों की खरीद जमकर हो रही है लेकिन इनके संचालन की ओर सरकार लापरवाही दिखा रही है। सीमांत तहसील मुनस्यारी के सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में इसकी बानगी देखी जा सकती है। जहां अल्ट्रासाउंड और एक्सरे जैसे सामान्य उपकरणों का भी संचालन नहीं हो पा रहा है। छोटी-छोटी जांचों के लिए आम मरीज जिला मुख्यालय के चक्कर काटने को मजबूर है। मुनस्यारी तहसील में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोला गया है। केंद्र में सात चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन मात्र तीन चिकित्सकों के भरोसे पूरी व्यवस्था चल रही है। अस्पताल में न तो बाल रोग विशेषज्ञ हैं और नहीं हड्डी रोग विशेषज्ञ। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहां दुर्घटनाएं होती रहती हैं। सबसे ज्यादा आवश्यकता हड्डी रोग विशेषज्ञ की है, चिकित्सकों के रिक्त पदों को भरने की दिशा में कोई पहल नहीं हो पाई है। अस्पताल में एक दशक से अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे मशीन लगाई गई हैं। पांच वर्ष पूर्व इस अस्पताल को पीपीपी मोड में दिया गया था, तब इन मशीनों का संचालन हो रहा था, लेकिन पीपीपी मोड से हटते ही इन मशीनों का संचालन ठप हो गया। मशीनें अब जंग खा रही है और मरीज जिला मुख्यालय के चक्कर काटने को मजबूर हैं। नई सरकार के लिए मतदान हो चुका है। सीमांत के लोगों को उम्मीद है कि इस बार सरकार उनकी सुध लेगी। तकनीशियनों के अभाव में मशीनों का संचालन नहीं हो पा रहा है। विशेषज्ञ चिकित्सक और तकनीशियनों की तैनाती की मांग को लेकर निदेशालय से मांग की गई है। चिकित्सक और तकनीशियनों मिलते ही इन्हें सीमांत के अस्पतालों में भेजा जाएगा।