पिथौरागढ़ में फायर सीजन शुरू होने के साथ ही वन विभाग का वायरलेस संचार नेटवर्क तैयार
सीमांत जिला पिथौरागढ़ में करीब सवा तीन लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल वनों से आच्छादित है। सर्वाधिक क्षेत्रफल 2.77 लाख हेक्टेयर पंचायती वनों का है। दूसरा नंबर आरक्षित वनों का है। वन विभाग के अधीन आने वाले इन जंगलों की देखरेख का जिम्मा वन विभाग का है। आरक्षित श्रेणी में 75783 हेक्टेयर वन क्षेत्र हैं। तीसरे नंबर पर सिविल वन हैं, जिनका क्षेत्रफल 41700 हेक्टेयर है। जंगलों को बचाने के लिए वन विभाग ने फायर प्लान तैयार कर लिया है। जिले में कुल 77 क्रू स्टेशन बनाए गए हैं। इनके जरिये जंगलों की आग पर निगाह रखी जाएगी। वन विभाग ने जिला मुख्यालय स्थित प्रभागीय वन कार्यालय वन में वायरलेस सिस्टम के लिए टावर स्थापित करने का कार्य शुरू कर दिया है। इनसे विभाग को जिले में लगने वाली आग की घटनाओं की सूचना सीधे मिल सकेगी। उच्चाधिकारी संबंधित क्षेत्र में तैनात वन कर्मियों को निर्देशित कर सकेंगे। इससे पूर्व वन विभाग को सूचना फोन पर लेनी पड़ती थी। कई बार फोन नहीं लगने पर समय पर जिला मुख्यालय तक सूचना नहीं पहुंचने से जंगलों की आग पर काबू पाने में दिक्कत आती थी। जिले के सभी रेंजों में लगे सिस्टम सक्रिय कर दिए गए हैं। इस वर्ष शीतकाल में अच्छी बर्फबारी और बारिश होने से फिलहाल जंगलों में नमी का स्तर काफी ऊंचा है, जिससे आग की घटनाएं अभी शुरू नहीं हुई हैं। बीते वर्ष कम बारिश के चलते जनवरी से ही जंगल धधकने लगे थे। 2021 में जिले में जंगल में आग की कुल 260 घटनाएं हुई थी, जिनसे 488 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ था।