Sonprayag-Kedarnath Ropeway: केदारनाथ यात्रा अब होगी सरल, रोपवे परियोजना को मिल गई है मंजूरी 

Kedarnath Yatra: सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे(sonprayag-kedarnath ropeway) के निर्माण का इंतजार ख़त्म होता हुआ दिखा रहा है।

Sonprayag-Kedarnath Ropeway: केदारनाथ यात्रा अब होगी सरल, रोपवे परियोजना को मिल गई है मंजूरी 
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Kedarnath Yatra: सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे(sonprayag-kedarnath ropeway) के निर्माण का इंतजार ख़त्म होता हुआ दिखा रहा है। बता दने कि राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड(national board of wildlife) की बैठक में केदारनाथ रोपवे परियोजना(kedarnath ropeway project) को मंजूरी दे दी गई है। 

हेमकुंड साहिब रोपवे(hemkund sahib ropeway) को राष्ट्रीय वन्य जीव क्षेत्र में न बताते हुए बोर्ड ने एक तरह से इसके निर्माण का रास्ता भी साफ कर दिया है।

उत्तराखंड सरकार(uttarakhand government), केदारनाथ यात्रा(kedarnath yatra) को सुलभ और सरल बनाने के लिए उत्तराखंड के सबसे लंबे रोपवे सोनप्रयाग-केदारनाथ के निर्माण की डीपीआर बना चुकी है। तकरीबन 11.5 किमी लंबे रोपवे परियोजना की लागत 950 करोड़ रुपये आंकी गई है। रोपवे के जरिये सोनप्रयाग से केदारनाथ का सफर मात्र 25 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। मौजूदा समय में इसके लिए लगभग 16 किमी की पैदल दूरी तय करनी पड़ती है।
बता दें कि इस रोपवे निर्माण की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधीन नेशनल हाईवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड ने एक कंपनी को सौंपी है। कार्यदायी संस्था इसके निर्माण के लिए प्रारंभिक सर्वेक्षण भी पूरा कर चुकी है। इस रोपवे में 22 टावर लगाए जाएंगे। 

सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे पर चार स्टेशन होंगे जो कि गौरीकुंड, चीरबासा, लिनचोली और केदारनाथ में बनाए जाएंगे। ये क्षेत्र नेशनल वाइल्डलाइफ सेंचुरी के अंतर्गत आता है, इसे देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने रोपवे परियोजना की मंजूरी के लिए पर्यावरण मंत्रालय को पत्र लिखा था।
उत्तराखंड ब्रिज रोपवे एंड टनल के चेयरमैन और प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि अब इस रोप वे के लिए पर्यावरण मंत्रालय से भी अनुमति मिल गई है और अब इसके लिए टेंडर निकाले जाएंगे जिसके बाद जल्द से जल्द रोपवे का कार्य शुरू कर केदारनाथ यात्रा को और भी सरल बना दिया जाएगा। 

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