साइबर ठगों का बढ़ता मकड़जाल नासूर बनता जा रहा है। साइबर ठग नए-नए तरीकों से भोले भाले लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। ठग लुभावने व मुनाफे का आफर देकर लोगों की वर्षों की कमाई पर सेंध लगा रहे हैं।
साइबर ठगों (Cyber thugs) का बढ़ता मकड़जाल नासूर बनता जा रहा है। साइबर ठग नए-नए तरीकों से भोले भाले लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। ठग लुभावने व मुनाफे का आफर देकर लोगों की वर्षों की कमाई पर सेंध लगा रहे हैं।
हाल यह है कि इस वर्ष जनवरी से जून केवल छह माह में साइबर ठगों ने 92 करोड़ की ठगी कर ली जबकि वर्ष 2023 में ठगी की धनराशि 117 करोड़ रुपये थी। ठगी की यह धनराशि क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currency) के माध्यम से दुबई, कंबोडिया, पाकिस्तान व वियतनाम भेज रहे हैं, जिसे वापस लाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। ठगी की रकम रखने के लिए वह गिरोह के सदस्यों के माध्यम से भोले-भाले लोगों से आइडी लेकर उनके नाम से खाते खाेलते हैं। जब इन खातों में ठगी की रकम आ जाती है तो इसके बाद वह विदेश भेजी जाती है। साइबर क्राइम थाना देहरादून (Dehradun) व हल्द्वानी (Haldwani) में वर्ष 2024 में छह माह में अब तक 70 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं, जिसमें ठगों ने 30 करोड़ रुपये की ठगी की है। इनमें से केवल चार केस ऐसे हैं, जो 10 लाख से लेकर दो करोड़ रुपये तक की साइबर ठगी के हैं।