टिहरी गढ़वाल के घनसाली क्षेत्र में लचर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं और दो महिलाओं की मौत के बाद आक्रोशितों ने घनसाली में स्वास्थ्य मंत्री के पुतले की शव यात्रा निकाल कर विरोध जताया।
टिहरी गढ़वाल-: टिहरी गढ़वाल के घनसाली क्षेत्र में लचर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं (poor health system) और दो महिलाओं की मौत के बाद जनता का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। क्षेत्र में स्वास्थ्य सुधार की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। आक्रोशितों ने घनसाली में स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister) के पुतले की शव यात्रा (funeral procession) निकाल कर विरोध जताया।

एक ओर पिलखी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 25 अक्टूबर से घनसाली स्वास्थ्य जन संघर्ष मोर्चा द्वारा अनिश्चितकालीन धरना जारी है, वहीं दूसरी ओर सर्वदलीय स्वास्थ्य संघर्ष समिति ने भी 27 अक्टूबर से घनसाली बाजार में आंदोलन शुरू कर दिया है। दोनों ही संगठन क्षेत्र में मजबूत स्वास्थ्य सुविधाएं और उप जिला चिकित्सालय की स्थापना की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं।
गुरुवार को आंदोलन ने नया मोड़ तब लिया जब सर्वदलीय स्वास्थ्य संघर्ष समिति के संयोजक पूर्व विधायक भीम लाल आर्य, कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष जसवीर सिंह नेगी और लक्ष्मी प्रसाद जोशी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के पुतले की शवयात्रा निकाली। शवयात्रा में शामिल कार्यकर्ताओं ने पूरे बाजार में “धन सिंह रावत मुर्दाबाद” और “घनसाली को न्याय दो” के नारे लगाए।
पुतले को ताबूत में रखकर बाजार से होते हुए भिलंगना नदी तक ले जाया गया, जहां उसे शवयात्रा के प्रतीकात्मक रूप में प्रवाहित किया गया। इस दौरान कई कांग्रेस नेताओं ने पुतले पर लिपटकर रोते हुए कहा, “धन सिंह चला गया”, जिससे पूरे वातावरण में सरकार के प्रति गहरी नाराजगी झलकती रही।
आंदोलनकारियों का कहना है कि यदि सरकार ने जल्द स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है। गौरतलब है कि पिछले दिनों अनीशा रावत और रवीना कठैत की मौत के बाद क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को लेकर जनता आक्रोशित है। जनता और संगठनों का एक ही कहना है कि अब सिर्फ आश्वासन नहीं, घनसाली को चाहिए सशक्त स्वास्थ्य सुविधा और जवाबदेही