एम्स ऋषिकेश गुरुवार यानी आज पहली बार टिहरी जनपद में ड्रोन के जरिये टीबी के मरीजों के लिए दवा भेजेगा। वापसी में यह ड्रोन मरीजों के सैंपल लेकर एम्स में जांच के लिए लाएगा।
Rishikesh News: टेक्नोलॉजी और साइंस के तरक्की के इस युग में ड्रोन्स(drone) का इस्तेमाल कई कामों के लिए किया जा रहा है। जहाँ एक तरफ पहले के समय हवाई जहाज की मदद से एरियल फोटोग्राफी(aerial photography) हुआ करती थी। वहीं अब जब से ड्रोन ने अपनी मजबूत पकड़ बनाई,तभी से इनकी नौकरी भी खतरे में पड़ गयी। वहीं अब ड्रोन ने ना केवल फोटोग्राफी पर अपनी पकड़ बनाई है ,बल्कि अब इसका इस्तेमाल इन दिनों आग बुझाने, बिजली सप्लाई के लिए लगी पावर लाइन के निरीक्षण और फसलों पर कीटनाशक के छिड़काव के अलावा भीड़ पर निगरानी जैसे कई दूसरे कामों के लिए भी किया जाने लगा है। वहीं अब हेल्थ सेक्टर(health sector) में सरकार ने ड्रोन का इस्तेमाल, आज एम्स ऋषिकेश(aims rishikesh) से टिहरी गढ़वाल(tehri garhwal) तक टीबी की दवा को पहुंचाने के लिए किया।
इन सब के बीच खास बात ये रही कि दो किलो भार की दवा ले जा रहे ड्रोन ने 40 किमी की दूरी करीब 30 मिनट में तय की जबकि आम तौर पर इस दूरी को तय करने में 2 घंटे का वक्त लग जाता है। ऐसे में अब ड्रोन को लेकर आगे की योजना, एम्स दिल्ली(aims delhi) से झज्जर के कैंसर हॉस्पिटल(cancer hospital) तक जल्द ही एक ट्रायल करने की है। साथ ही सरकार ने आपातकालीन स्थिति के साथ ही हिली एरिया में दवाई और टेस्ट की सुविधा ड्रोन के ज़रिए उपलब्ध कराने को लेकर गंभीर रुख दिखाया है।