उत्तराखंड के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। जहां देवभूमी के दो जांबाज सपूतों को सेना की मध्य कमान की ओर से सेना मेडल से सम्मानित किया जाएगा।
Haridwar News: उत्तराखंड(uttarakhand) के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। जहां देवभूमी के दो जांबाज सपूतों को सेना की मध्य कमान की ओर से सेना मेडल(army medal) से सम्मानित किया जाएगा।
बता दें कि, हरिद्वार(haridwar) निवासी हवलदार शहीद सोनित कुमार सैनी(Constable Martyr Sonit Kumar Saini) को ये सम्मान मरणोपरांत(posthumously) मिलेगा। जबकि, कुमाऊं रेजिमेंट के हवलदार भूपेंद्र चंद(hawaldar Bhupendra Chand of the Kumaon Regiment) को अदम्य साहस(indomitable courage) का परिचय देने के लिए सेना मेडल से सम्मानित किया जाएगा। वहीं 8 फरवरी को जबलपुर(jabalpur) में मध्य कमान के अलंकरण समारोह(investiture ceremony) का आयोजन होगा।
जानकारी के मुताबिक, मध्य कमान के GOC-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी भारतीय सेना(Lieutenant General Yogendra Dimri Indian Army) के 12 अधिकारियों, सैन्यकर्मियों को वीरता पुरस्कार, 22 विशिष्ट सेवा पुरस्कार और 16 GOC -इन-सी यूनिट प्रशंसा के साथ चार सूर्य कमांड ट्रॉफी प्रदान करेंगे।
राष्ट्रीय राइफल्स की 13वीं बटालियन(13th Battalion Rashtriya Rifles) में तैनात कुमाऊं रेजिमेंट के हवलदार भूपेंद्र चंद को भी सेना मेडल से सम्मानित किया जा रहा है। ऊधमसिंह नगर निवासी(udham singh nagar) भूपेंद्र चंद कॉम्बैट एक्शन(combat action) टीम के साथ 11 अक्तूबर 2021 की रात गांदरबल जिले(Ganderbal District) में ड्यूटी पर थे। इस दौरान सुबह साढ़े चार बजे आतंकवादियों(terrorists) ने खुले में तैनात सैनिकों पर अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दीं। ऐसे में सेना ने जवाबी फायरिंग की तो आतंकवादी भाग निकले। लेकिन, हवलदार भूपेंद्र चंद ने फायरिंग कर भाग रहे आतंकवादियों का न सिर्फ सामना किया, बल्कि अदम्य साहस से हमला विफल कर दिया। इस अदम्य साहस को देखते हुए उन्हें सेना मेडल से सम्मानित किया जा रहा है।
वहीं सेना के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव(Public Relations Officer Lt. Col. Manish Srivastava) ने बताया कि हरिद्वार निवासी हवलदार सोनित कुमार सैनी जम्मू-कश्मीर के पूर्वी सेक्टर में ऑपरेशन चौका के लिए हाई एल्टीट्यूड एरिया(high altitude area) में प्लांट इक्विपमेंट प्रोजेक्ट(Plant Equipment Project) में वाहन चलाते थे। 24 सितंबर 2021 को जेसीबी से लदा वाहन एक अंधे मोड़ की ओर आ रहा था। रास्ते में एक कार भी खड़ी थी।
तभी वहां तैनात हवलदार सोनित कुमार सैनी ने देखा कि सात जवानों को लेकर जा रहा एक सैन्य वाहन खड़ी ढलान पर इन दोनों वाहनों के बीच फंस गया। ऐसे में जान की परवाह न करते हुए सोनित ने अपने साथी जवान नायक गुरजंट सिंह(gurjant singh) के साथ अपना वाहन सेना के दूसरे वाहन से दूर 500 फीट गहरी खाई की ओर मोड़ दिया। उनके इस फैसले से सातों जवानों की जिंदगी तो बच गई। लेकिन, उनका वाहन गहरी खाई में गिरने से सोनित कुमार सैनी और गुरजंट सिंह शहीद हो गए।