यमुनोत्री मार्ग पर बन रही सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग में 12 नवंबर की सुबह मलबा गिरने की वजह से 41 मजूदर फंस गए थे 17 दिन लंबे बचाव अभियान के बाद मजदूरों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया था
Silkyara Tunnel: 41 मजूदरों के फंसने के 38 दिन बाद सिलक्यारा सुरंग(Silkyara Tunnel) का निर्माण कार्य दोबारा शुरू हो गया है। कंपनी पहले बड़कोट(badkot) सिरे से काम कर रही है। जांच होने के बाद सिलक्यारा सिरे से भी सुरंग निर्माण शुरू किया जाएगा। केवल 480 मीटर सुरंग बची हुई है। उधर, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट ने ऑपरेशन सिलक्यारा(Operation Silkyara) की सफलता पर बधाई प्रस्ताव पास किया है। चारधाम ऑलवेदर परियोजना(Chardham All Weather Project) के तहत यमुनोत्री(Yamunotri) मार्ग पर बन रही सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग में 12 नवंबर की सुबह मलबा गिरने की वजह से 41 मजूदर फंस गए थे।
17 दिन लंबे बचाव अभियान के बाद मजदूरों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया था, लेकिन तब से ही सुरंग के निर्माण का काम बंद पड़ा है। 4.531 किमी लंबी सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग का अब केवल 480 मीटर हिस्सा बचा हुआ है। इस हिस्से के निर्माण के लिए नवयुगा कंपनी ने बड़कोट सिरे से काम शुरू कर दिया है। जांच पूरी होने के बाद सिलक्यारा की ओर वाले सिरे से भी काम शुरू किया जाएगा। बताया जा रहा कि सुरंग का निर्माण नए साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं एनएचआईडीसीएल(NHIDCL) को सिकल्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी कंपनियों के बिल का इंतजार है। तमाम कंपनियों ने अपनी मशीनरी को यहां मंगाकर बचाव अभियान में हिस्सा लिया था। उनके बिल आने के बाद एनएचआईडीसीएल इसका पूरा खर्च नवयुगा कंपनी(Navayuga Company) से वसूल करेगा।