आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन गुरुवार को उत्तरकाशी पहुंचे। उन्होंने वरुणावत पर्वत पर हुए भूस्खलन का जायजा लिया। गोफियारा क्षेत्र के लोगों को जैसे ही इसकी सूचना मिली वह आपदा सचिव को ज्ञापन देने पहुंच गए
आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन (Disaster Secretary Vinod Kumar Suman) गुरुवार को उत्तरकाशी (Uttarkashi) पहुंचे। उन्होंने वरुणावत पर्वत पर हुए भूस्खलन (Landslide) का जायजा लिया। गोफियारा क्षेत्र के लोगों को जैसे ही इसकी सूचना मिली वह आपदा सचिव को ज्ञापन देने पहुंच गए।
उत्तरकाशी शहर का भूगोल बदलकर रख देने वाले वरुणावत पर्वत ने 21 साल बाद लोगों को फिर डराया है। मंगलवार रात वरुणावत पर्वत से अचानक आवासीय क्षेत्रों के आसपास बोल्डर गिरे तो लोगों में अफरा-तफरी मच गई। इस घटना ने वर्ष 2003 में हुए भूस्खलन की कड़वी यादें ताजा कर दीं। तब काफी लंबे समय तक भूस्खलन सक्रिय रहा था। असी और वरुणा नदियों के बीच उत्तरकाशी शहर वरुणावत पर्वत (Varunavat Mountain) की तलहटी में बसा हुआ है। वरुणावत पर्वत पंचकोसी वारुणी यात्रा के साथ इस पर स्थित पौराणिक मंदिराें के लिए तो प्रसिद्ध है ही। यह वर्ष 2003 के विनाशकारी भूस्खलन के लिए याद किया जाता है। साल 2003 में अचानक ही इस पर्वत से जब भूस्खलन शुरू हुआ तो तीन से चार जोन में बोल्डर व मलबा गिरता था।