The matter pertains to a school located in Fitari village under Mori development block of Uttarkashi where Due to lack of school building students are forced to study sitting under open sky
उत्तराखंड(Uttarakhand) के एक सुदूरवर्ती गांव में शिक्षा व्यवस्था इतनी खराब है कि वहां बच्चों को बर्फबारी के दौरान खुले आसमान के नीचे बैठकर शिक्षा हासिल करनी पड़ रही है । शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल बयां करता ये पहला मामला नहीं है। उत्तराखंड में तमाम ऐसी जगहें हैं जहां विद्यालय तो है लेकिन शिक्षक नहीं है और ऐसे स्थान भी है जहां कोई विद्यालय ही नहीं है |
मामला उत्तरकाशी(Uttarkashi) के मोरी विकासखंड(Mori Development Block) के अंतर्गत फिताड़ी गाँव में स्थित एक विद्यालय का है , जिसका नाम राजकीय जूनियर हाईस्कूल(Government Junior High School) है। विद्यालय में भवन ना होने के कारण शिक्षक और विद्यार्थी खुले आसमान में बैठकर पढ़ाने और पढ़ने को मजबूर हैं। बीते दिनों बर्फबारी के दौरान भी बच्चे बाहर बैठ कर पढ़ाई करने को बाध्य हुए थे। हैरानी कि बात ये है की इस गांव में पुरोला के विधायक (Purola MLA) भी रहते हैं। इस विद्यालय का साल 2012 में हाईस्कूल में उत्थान किया गया था। हाईस्कूल में रुपान्तरित(Transformed) करने के 4 साल बाद 2016 से इस विद्यालय में हाईस्कूल की कक्षाएं संचालित हो रही है। विद्यालय की स्थापना के दौरान विद्यालय में मात्र 3 कमरे मौजूद थे और 8 साल बीत जाने के बाद भी विद्यालय में 3 ही कमरे मौजूद हैं। इस विद्यालय में फिताड़ी गांव के अलावा रेक्चा, हरीपुर, कासला और लिवाड़ी गांव से भी पढ़ने के लिए बच्चे आते हैं और कुल विद्यार्थियों की संख्या120 के आसपास है।