उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिल्क्यारा टनल में 102 घंटे यानी 4 दिन से 40 मजदूर फंसे हैं। इन्हें निकालने की हर कोशिश अब तक नाकामयाब रही है।
Uttarakhand: उत्तराखंड(uttarakhand) के उत्तरकाशी(uttarkashi) में निर्माणाधीन सिल्क्यारा टनल(Silkyara Tunnel) में 102 घंटे यानी 4 दिन से 40 मजदूर फंसे हैं। इन्हें निकालने की हर कोशिश अब तक नाकामयाब रही है। गुरुवार सुबह नए सिरे से अमेरिकन ऑगर्स मशीन(American Augers Machine) को इंस्टाल कर रेस्क्यू शुरू किया गया है। हैवी ऑगर मशीन(heavy auger machine) को सेना के हरक्यूलिस विमान(hercules aircraft) से दिल्ली(delhi) से उत्तराखंड लाया गया है।
NHIDCL के डायरेक्टर अंशू मनीष खलखो(NHIDCL Director Anshu Manish Khalkho) ने बताया, 25 टन की हैवी ऑगर मशीन प्रति घंटे पांच से छह मीटर तक ड्रिल करती है। अगर, ये काम करती है तो अगले 10 से 15 घंटे में इन्हें रेस्क्यू किया जा सकता है। हालांकि, यह अंदर की परिस्थितियों पर भी डिपेंड करेगा।
हादसा 12 नवंबर की सुबह 4 बजे हुआ था। टनल के एंट्री पॉइंट से 200 मीटर दूर मिट्टी धंसी। मजदूर अंदर फंस गए। मलबा 70 मीटर तक फैला गया। ये मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश(Bihar, Jharkhand, Uttar Pradesh, West Bengal, Odisha, Uttarakhand and Himachal Pradesh) के हैं।
200 लोगों की टीम 24X7 काम कर रही, नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHIDCL), NDRF, SDRF, ITBP, BRO(NDRF, SDRF, ITBP, BRO) और नेशनल हाईवे की 200 से ज्यादा लोगों की टीम 24 घंटे रेस्क्यू में जुटी है। इसके अलावा थाईलैंड, नार्वे, फिनलैंड(Thailand, Norway, Finland) समेत कई देशों के एक्सपर्ट से ऑनलाइन सलाह ली जा रही है।