हल्द्वानी। रेलवे ने पीपी एक्ट के तहत गफूर बस्ती से इंदिरा नगर तक नोटिस चस्पा किए गए हैं. जिन्हे 15 दिनों के भीतर जगह खाली करने के आदेश दिए हैं. जिसके बाद क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है. एक तरफ घर खाली करने के आदेश दूसरी तरफ चस्पा किये गए नोटिस में तारिख भी अलग अलग है. नोटिस में 1 तारीख से लेकर 2,4,7, 8 तारीख अंकित की गई है. इससे बस्ती के लोगों में डर का माहौल है। अब लोग उलझन में है कि रेलवे ने नोटिस 9 जनवरी को लगाए हैं. तो क्या उनकी वैधता लगाने के दिन से लागू होगी या नोटिस बोर्ड में अंकित हुई तारिख से. जो एक बड़ा सवाल बना हुआ है.

जनसेवा सहयोग समिति के अध्यक्ष सलीम सैफी जो पूर्व में इस मामले में सुप्रीम कोर्ट गए थे. जब उनसे इसके बारे में मालूम किया गया, अब आप क्या करेंगे। तो उनका कहना था कि हम माननीय उच्च न्यायालय व निचली अदालत में फिर से जाएंगे तथा अपनी बात रखेंगे।
सपा के प्रदेश महासचिव शोएब अहमद का कहना है कि यह गरीब लोगों के लिए एक भद्दा मजाक है. तथा जिन लोगों ने बस्ती वालों से कहा था कि हमने इस को मलिन बस्ती घोषित कर दिया गया है. उन्होंने कहा मलिन बस्ती के कागज। अब लोगों को धोखा देना बंद करना चाहिए। हम कल भी बस्ती वालों के साथ खड़े थे. और अब भी जहां तक होगा उनकी हर तरह से मदद करेंगे।
वही पूर्व में सपा में रहे हाजी अब्दुल मतीन सिद्दीकी जो कि 2007 व 2017 में बस्ती कि लड़ाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गए थे. उनका कहना है कि हम बस्ती के साथ ही रहते हैं. तथा हमसे ज्यादा इनका दर्द और कौन समझ सकता है, हम पहले भी इनके साथ थे. तथा आज भी इनके साथ खड़े हैं. तथा उन्हें किसी भी कीमत पर उजड़ने नहीं दिया जाएगा