पूर्णागिरि जनशताब्दी एक्सप्रेस बुधवार शाम 4 बजे दिल्ली से टनकपुर एक्सप्रेस स्टेशन से पहले ही बोम सिग्नल के पास एक गोवंश से टकराकर कुछ पल बाद ही उल्टी दिशा में दौड़ पड़ी थी। ट्रेन को काफी मशक्कत के बाद 24 किलोमीटर दूर खटीमा से पहले किसी तरह रोकने में सफलता मिल पाई थी। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि ट्रैक पर ढलान भी बड़ी समस्या है। ढलान की वजह से टनकपुर स्टेशन पर ट्रेनों के पहुंचने के बाद यार्ड में खड़े रैक और बंद इंजनों को लोहे की जंजीरों से बांधकर रखा जाता है।

रेल सूत्रों के मुताबिक टनकपुर स्टेशन के होम सिगनल तक 1000 फिट में एक फिट का ढलान है। जबकि होम सिगनल के बाहर इससे ज्यादा ढलान है। इस ढलान का जिक्र रेलवे के दस्तावेजों में नहीं है। इसी कारण टनकपुर स्टेशन पर ट्रेन खड़ी होने पर जंजीर से बंधाने के संसाधन नहीं हैं।