रामनगर से 14 किमी की दूरी पर स्थापित ऐतिहासिक मां गर्जिया देवी मन्दिर में आई दरार के बेहतर एवं स्थाई उपचार के लिए जिलाधिकारी धीराज सिह गर्ब्याल ने सराहनीय कदम उठाया है। इसके लिए उन्होने प्रो. सत्येन्द्र मित्तल विभागाध्यक्ष सिविल इंजीनियरिंग विभाग आईआईटी रूडकी को पत्र भेजा है।
जिलाधिकारी ने प्रो मित्तल को पत्र में लिखा कि गर्जिया देवी मन्दिर ऐतिहासिक एवं पौराणिक होने के कारण स्थानीय निवासियों एवं अन्य लोगों की मन्दिर से आस्था जुडी हुई है। मन्दिर मे अत्यधिक संख्या में सालभर श्रद्वालुओं का आवागमन बना रहता है।
अपने पत्र में जिलाधिकारी ने बताया कि पिछले कई समय से गर्जिया मन्दिर की पहाडी जिसमे मन्दिर स्थापित है. उसमें जगह जगह पर दरारें पड़ गई हैं. जिस कारण निकट भविष्य मे मन्दिर को खतरा होने की सम्भावनाओं से इन्कार नही किया जा सकता है। मन्दिर का ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व है.
उन्होंने कहा कि मन्दिर की पहाडी पर दरारोें की जांच एवं सुरक्षात्मक उपाय किया जाना बहुत ज़रूरी है. गर्जिया देवी मन्दिर रामनगर में सर्वे करने के लिए जल्द से जल्द टीम को भेजा जाए. डीएम गर्ब्याल ने बताया कि मन्दिर के संरक्षण के लिए सरकार गम्भीर है। मुख्यमंत्री स्तर से इस महत्वपूर्ण कार्य की समीक्षा की जा रही है। उनके निर्देश पर रूडकी के विशेषज्ञों से सर्वे कराकर प्रभावी कार्यवाही की जायेगी।