चमोली. पिछले 2 महीने से हम सभी की निगाहें टीवी पर जमी हुई है। जिसमे दिल्ली के किसान आंदोलन की पल पल की अपडेट ले रहे हैं। लेकिन किसी की नजर पहाड़ मे चल रहे है आंदोलन पर नहीं गई। जिसमें चमोली जिले मे नंदप्रयाग घाट मोटरमार्ग के चौडीकरण करने की मांग की जा रही है। इस सड़क निर्माण की मांग को लेकर विकासखण्ड घाट में पिछले 53 दिनों से धरना चल रहा है। और 17 दिनों से भूखहड़ताल जारी है.

इस क्षेत्र की 70 ग्राम सभाओं की 42 हजार आबादी इस सड़क पर निर्भर है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी इस सड़क को चौड़ा करने की घोषणा कर चुके हैं। लेकिन लोक निर्माण विभाग सड़क को चौड़ा करने की बजाए डामरीकरण का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि घाट-नंदप्रयाग सड़क मार्ग काफी संकरा है.
स्थानीय लोगों के मुताबिक इस सड़क का निर्माण 1962 में हुआ था. उस समय इस सड़क को सिंगल लाइन बनाया गया था. लेकिन आज की आवश्यकता और बढ़ती आबादी के चलते इस सड़क के विस्तार की ज़रूरत है. संकरी सड़क होने के कारण इस सड़क पर अब तक कई दुर्घटनाएं भी हो चुकीं हैं। इससे पहले
गांव के लोगों ने सरकार को जगाने के लिए मानव श्रंखला भी बनाई थी. जिसमे बुजुर्ग से लेकर बच्चे, महिलाएं, युवा, ग्रामीण, व्यापार संघ, टैक्सी यूनियन समेत हर संगठन के लोग शामिल हुए थे.