गौलापार में किसानों के साथ धोखादड़ी का मामला सामने आया है। दरअसल किसानों के बारीक धान को खरीदने से एक एफसीआई एंजेसी ने मना कर दिया है, जिसके चलते किसान अपने बासमती जैसे धान को मात्र 1400 रुपए में बेचने को मजबूर है।
कुंवरपुर बहुद्देशीय किसान सेवा की एक सहकारी समिति ने 400 किसानों से उसके धान को एक समर्थन मूल्य में खरीदने का वादा किया था। लेकिन अब एंजेसी धान की खरीद करने से मुकर रही है ऐसे में अब 200 किसानों का लगभग 3000 कुंटल धान अभी घरों में डंप है।
समिति ने 400 किसानों का रजिस्ट्रेशन करने के बाब भी मात्र 206 किसानों का धान तोला है, जिसके चलते अनेकों किसान धान तुलवाने से भी वंचित रहे है। सहकारी समिति तोल पर आरोप है, कि उसने धान की खरीद भी गलत तरीकों से की है, ऐसे में क्षेत्र के अनेक किसान आर्थिक हानि उठा रहे हैं। बताया जा रहा है कि कम जोत वाले किसानों के रजिस्ट्रेशन में अन्य लोगों का धान तोला गया है।
बता दें कि जब मंडी में धान तुलवाया जाता था तो किसानों को सुविधा होती थी। किसान अपनी एक ट्रॉली धान को 2 घंटे में तुलवा कर आ जाते थे। लेकिन यहां पर नंबर के हिसाब से महीनों तक किसानों को इंतजार करना पड़ रहा है। धान को बाजार में बेचने पर ₹400 कुंटल का नुकसान हो रहा है। ऐसे में धान नहीं खरीदने के कारण किसान संगठन अगली फसल लगाने के लिए आर्थिक रूप से परेशान हैं।
कुछ किसानों का कहना है कि जब समिति ने उनका रजिस्ट्रेशन किया है तो उनको धान खरीदना ही पड़ेगा। यदि समर्थन मूल्य तय है तो हमारा धान समर्थन मूल्य में ही खरीदा जाए चाहे इस जान को कोई भी खरीदे। वहीं क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता एवं पूर्व प्रधान त्रिलोक सिंह नौला ने आरोप लगाते हुए कहा है कि समिति एफसीआई को रजिस्ट्रेशन करने के बाद धान खरीदना ही पड़ेगा यदि किसी प्रकार की गड़बड़ी पाई गई तो उसकी जांच की जाएगी।
मामले में किसानों ने समिति से पूरा धान खरीदने की बात कही है।