पैनकार्ड आज की तारिख में सबसे ज़्यादा काम आने वाला कार्ड बन गया है. ये कार्ड इनकम टैक्स के साथ साथ आइडेंटिटी का भी प्रमाण घोषित करता है। लेकिन इस पर अंकित हुए नम्बर की कहानी हर कोई नहीं जानता है. इसे लोग आम नंबर समझते हैं. लेकिन इसका पीछे की क्या कहानी है. इस पर छपे 10 डिजिट का एक अल्फान्यूमेरिक नंबर होता है। पैन कार्ड पर दर्ज इन अल्फान्यूमेरिक नंबरों का एक खास मतलब होता है और इनमें कुछ जानकारियां छिपी होती हैं।

आइए जानते हैं कि पैन कार्ड में किस प्रकार की जानकारी छुपी होती है। पैन कार्ड के इन नंबर्स को समझने के लिए आप अपने पैन कार्ड को हाथ में ले लीजिए। अब आप पाएंगे कि जन्मतिथि के ठीक नीचे एक अल्फान्यूमेरिक नंबर अंकित है। पैन की शुरुआत अंग्रेजी के कुछ लेटर्स के साथ होती है, जो बड़े अक्षरों में लिखे होते हैं।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अनुसार, किसी भी पैन के शुरुआती तीन डिजिट अंग्रेजी के अल्फाबेटिक सीरीज को दिखाते हैं। इस अल्फाबेटिक सीरीज में AAA से लेकर ZZZ तक में अंग्रेजी के किसी भी तीन अक्षर की सीरीज हो सकती है। इसे आयकर विभाग तय करता है।
पैन का चौथा अक्षर आयकरदाता के स्टेटस को दिखता है। जैसे चौथे स्थान पर अगर P है, तो यह दिखाता है कि यह पैन नंबर पर्सनल है यानी किसी एक व्यक्ति का है। वहीं, F से पता चला चलता है कि वह नंबर किसी फर्म का है। इसी तरह C से कंपनी, AOP से एसोसिएशन ऑफ पर्सन, T से ट्रेस्ट, H से अविभाजित हिन्दू परिवार, B से बॉडी ऑफ इंडिविजुअल, L से लोकल, J से आर्टिफिशियल ज्युडिशियल पर्सन और G से गवर्नमेंट होता है.
इन जानकारी के बाद बेशक आप समझ जाएंगे कि पैन कार्ड पर दर्ज नम्बर की अपनी क्या कहानी है. तो इस जानकरी को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।