आनंद और पंचदशनाम आह्वान अखाड़े की पेशवाई आज शुक्रवार को निकलेगी। दोनों अखाड़ों की पेशवाई का रूट जारी हो गया है। दोनों पेशवाई अलग-अलग समय पर निकलेगी।
हालांकि गुरुवार को हरिद्वार में महाकुंभ को लेकर गाजे बाजे और पूरे वैभव के साथ जूना अखाड़ा और अग्नि अखाडा की पेशवाई ज्वालापुर के पाण्डेवाल से शुरु हुई। लगभग आठ किलोमीटर लम्बी पेशवाई में बड़ी संख्या में नागा और किंनर संत शामिल हुए। साथ ही पेशवाई में रथ पर सवार जूना अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी भी शामिल रहे।
जिसमे साधु-संतों का लाव-लश्कर शाही अंदाज में हाथी, घोड़ों, ऊंट, बग्घियों और सुसज्जित रथों पर सवार होकर निकला। अखाड़े के महामंडलेश्वर और मंडलेश्वर चांदी के हौदे में सवार थे। रत्न, स्वर्ण और चांदी से जड़ित छतरी जो की हौदों की शोभा बढ़ा रही थी।
पंचदशनाम आह्वान अखाड़े की पेशवाई ज्वालापुर के पांडेवाला से शुरू होगी। यह गुघाल रोड होते हुए इंद्रपुरी तिराहे से नील खुदाना मोहल्ले से पांवधोई चौराहे से घास मंडी पहुंचेगी।
आनंद अखाड़ा की पेशवाई एसएमजेएन कॉलेज से शुरू होगी। पेशवाई शंकर आश्रम तिराहे से सिंहद्वार जाएगी। यहां से कनखल रोड पर दादूबाग मंदिर, दिव्य योग मंदिर, मिश्रा मार्केट होते हुए झंडा चौक पहुंचेगी।
इसके बाद चौक बाजार से पुलिस रेल चौकी के सामने से रेलवे तिराहे से दाहिनी तरफ मुड़कर दुर्गा चौक होते हुए आर्यनगर चौक, शंकर आश्रम, चंद्राचार्य चौक, पुरानी रानीपुर मोड़, ऋषिकुल तिराहे, देवपुरा, से शिवमूर्ति पहुंचेगी। जिसके बाद यहां से चित्रा टाकिज के सामने से वाल्मीकि चौक होकर जूना अखाड़ा के मुख्य द्वार के सामने से होकर अखाड़े की छावनी पहुंचेगी।
झंडा चौक से गांधी मार्ग और पहाड़ी बाजार होते हुए रामकिशन तिराहे से गीता मंदिर के सामने से नया उदासीन अखाड़ा की छावनी, चेतनदेन की कुटिया व जगद्गुरु आश्रम के सामने से शंकराचार्य चौक पहुंचेगी। इसके बाद डामकोठी गंगनहर पार कर तुलसी चौक से शिवमूर्ति तिराहा से चित्रा टाकिज, ललतारौ पुल से भाटिया भवन पाकर कर श्री निरंजनी अखाड़े से होते हुए पंचायती आनंद अखाडे़ में पहुंचेगी।