14 फरवरी 2017 को जम्मू कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले में देश के वीर जवान धर्मेन्द्र कुमार ने भारत माता के लिये अपने प्राण न्यौछावर कर दिये। आज उनके बलिदान दिवस के मौके पर पूरा देश उनको श्रद्धापूर्ण नमन करता है।
आपको बता दें 14 फरवरी 2017 को जम्मू कश्मीर के बांदीपोरा क्षेत्र में भारतीय जवानों की आतंकवादियों के साथ जबरदस्त मुठभेड़ हो गई थी।इसी मुठभेड़ में धर्मेंद्र कुमार ने अपनी वीरता की अनोखी मिसाल कायम की, उन्होंने एक आतंकवादी को मार गिराया इसके बाद वह भी बुरी तरह घायल हो गए। इस दौरान धर्मेंद्र की हालत बहुत खराब हो गई जिसके चलते भारत मां के लिए उन्होने अपने प्राण त्याग दिए। उनकी इस मिसाल को देखते हुए शहीद होने के बाद भी उन्हें मेशन इन डिस्पेंस में सम्मानित किया गया।

चलिए आपको बताते हैं शहीद धर्मेंद्र कुमार का जीवन परिचय
शहीद धर्मेंद्र कुमार नैनीताल के कोटाबाग स्थित ग्राम पतलिया के निवासी है। वह बचपन से ही देश की सेवा करने के लिए भारतीय सेना में भर्ती होना चाहते थे। उन्होंने बचपन से ही सेना में जाने की ठान ली थी। उन्होंने गांव से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद कुमाऊं के सबसे बड़े कॉलेज हल्द्वानी एमबीपीजी से अपनी स्नातक की पढ़ाई उत्तीर्ण की। इसी बीच अल्मोड़ा में भर्ती निकली और उन्होने भर्ती में प्रतिभाग किया। जिसके चलते पहले ही प्रयास में उनका चयन हो गया।
सेना में भर्ती होने के बाद उन्हें राजपूत रेजीमेंट सेंटर फतेहगढ़ भेजा गया। लेकिन इसके लिए सिपाही धर्मेंद्र कुमार सहमत नहीं थे। सिपाही धर्मेंद्र बचपन से ही कैप्टन विक्रम बन्ना से पूरी तरह प्रभावित थे। वह सेना में जाने के बाद राजपूत रेजीमेंट केंद्र नहीं जाना चाहते थे। लेकिन फिर भी उन्हें जाना पढ़ा। इसके लिये उन्होंने पैदल सेना से पैरा कमांडो में जाने के लिए आवेदन कर दिया। और ट्रेनिंग के लिए चले गए धमेंद्र ने यहां भी बखूबी प्रदर्शन किया।
पैरा कमांडो के दौरान उनकी तैनाती जम्मू-कश्मीर में कर दी गई जहां 14 फरवरी 2017 में आतंकवादी हमले के दौरान वह शहीद हो गए। आज शहीद धर्मेंद्र कुमार के बलिदान दिवस पर कोटाबाग के पूर्व सैनिक लीग के अध्यक्ष कैप्टन धारा बल्लभ नैनवाल और कैप्टन शाह ने उनके घर जाकर उनको नमन किया और परिवार को हर स्थिति में साथ देने का भरोसा दिलाया।